Not known Facts About sidh kunjika
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे ।
ओं ग्लौं हुं क्लीं जूं सः click here ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।
मौसम मुंबई का मौसमजयपुर का मौसमनई दिल्ली का मौसमलखनऊ का मौसमनोएडा का मौसम
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।